प्रदेश में कांग्रेस 20 सितंबर को निकालेगी किसान न्याय यात्रा, कलेक्टर कार्यालयों का घेराव करेंगे

भोपाल
 मध्य प्रदेश में महंगाई, बेरोजगारी, महिला हिंसा जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेर रही कांग्रेस पार्टी अब किसानों के मुद्दों को लेकर किसान संगठनों के साथ सड़क पर उतरने की तैयारी में है। इसी सिलसिले में 20 सितंबर को कांग्रेस प्रदेश भर में किसान न्याय यात्रा निकालने जा रही है।

इसके तहत सभी जिला मुख्यालयों पर कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया जाएगा। बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता किसानों के साथ ट्रैक्टर लेकर पहुंचेंगे।

कांग्रेस किसानों के लिए सोयाबीन का समर्थन मूल्य 6000 रुपये, गेहूं 2,700 रुपये और धान 3,100 रुपये प्रति क्विंटल में खरीदने की मांग कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने का भाजपा सरकार का वादा झूठा है और यह प्रदेश के किसानों ने देख लिया है।

पटवारी बोले- शिवराज ने कहा था, किसानों की आय दोगुनी करेंगे

जीतू पटवारी ने कहा – 'देश में 78% आबादी किसान हैं। मप्र एग्रीकल्चर का हब है। गेहूं, सोयाबीन और धान उत्पादन में मध्यप्रदेश अग्रणी है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने एक लाख बार कहा कि किसानों की आय दोगुनी की जाएगी। उन्होंने विधानसभा के सत्र में भी कई बार यह बात कही थी। मैंने भी इसे स्वीकार कर तारीफ की। साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बरेली में भी यही बात कही थी।

'शिवराज का झूठ उजागर हो गया' पटवारी ने कहा, ' जो सरकारी एजेंसी सूचकांक को निर्धारित करती है, उसके आधार पर बता रहा हूं कि प्रदेश में किसान की आमदनी 27 रुपए प्रतिदिन है, जबकि प्रति किसान औसत कर्ज 74 हजार रुपए है। देश में 10 साल से बीजेपी की सरकार है। मप्र में 25 साल यानी पांच पंचवर्षीय योजना में केवल डेढ़ साल का पीरियड छोड़ दें, तो मध्यप्रदेश में भी भाजपा की सरकार है। देश और प्रदेश के नेताओं ने किसानों की आंखों में धूल झोंकी है, इसका उदाहरण सामने है। हाल में शिवराज सिंह ने कृषि मंत्री बनने के बाद लोकसभा में कहा कि हमने मध्य प्रदेश में किसानों की आय दोगुनी कर दी। किसानों से लूट, मोदी जी का दोगुनी आमदनी वाला झूठ, उजागर हो गया है।

शिवराज सिंह चौहान ने बार-बार यह बात कही। इसके उलट, 2022 में संसदीय समिति रिपोर्ट दी कि मध्य प्रदेश के किसानों की आय घट गई है। 2015-16 में एक किसान की आय 9740 रुपए थी। यह 2017-18 में घटकर 8,339 रुपए हो गई। किसानों पर लगातार कर्ज बढ़ रहा है।'

तीन राज्यों में सोयाबीन के दाम बढ़ाने की बात कही, एमपी का जिक्र नहीं पटवारी ने कहा- 'शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री रहते बीजेपी के घोषणा पत्र में 2700 गेहूं और को धान का दाम 3100 देने की बात कही थी। तीन दिन पहले सरकार की ओर से X हैंडल पर बयान सामने आया। इसमें कहा गया कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना में सोयाबीन का दाम बढ़ा कर देंगे। मध्य प्रदेश में सोयाबीन के दाम बढ़ाने की बात नहीं की गई। मप्र के साथ ऐसा अन्याय क्यों हो रहा है। क्या इसलिए महाराष्ट्र के लिए घोषणा की गई? क्योंकि, वहां चुनाव है।

India Edge News Desk

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